भवती महिलाओं को इससे बचने के लिए अपनी डाइट को नियंत्रण में रखकर शुगर लेवल को नियंत्रित रखना चाहिए.
इसके साथ ही इंसुलिन के प्रयोग से इसे टाइप 2 डायबिटीज़ में बदलने से रोका जा सकता है.
कुछ लोग प्री-डायबिटीज़ से भी पीड़ित हो सकते हैं, खून में ग्लूकोज़ की अधिक मात्रा आगे चलकर डायबिटीज़ में बदल सकती है.
वहीं, टाइप 2 डायबिटीज़ अधेड़ उम्र के लोगों (दक्षिण एशियाई लोगों के लिए 25 वर्ष की आयु) परिवार के किसी सदस्य के डायबिटीज़ से पीड़ित होने पर और दक्षिण एशियाई देशों, चीन, एफ्रो-कैरिबियन, अफ्रीका से आने वाले अश्वेतों को ये बीमारी होने का ख़तरा ज़्यादा होता है.
डायबिटीज़ आनुवांशिक और पर्यावरणीय कारकों पर आधारित होती है.
लेकिन आप अपने खून में ग्लूकोज़ की मात्रा को नियंत्रित करके खुद को डायबिटीज़ से बचा सकते हैं.
और संतुलित डाइट और व्यायाम करने से ऐसा किया जा सकता है. हीं, इसकी जगह आप अपनी रोजाना की डाइट में सब्जियां, फल, फलियां, और साबुत अनाज शामिल कर सकते हैं.
इसके साथ-साथ सेहतमंद तेल, बादाम के साथ-साथ सार्डाइंस, सालमन और मेकेरल जैसी मछलियों को भी अपने आहार में शामिल कर सकते हैं क्योंकि इनमें ओमेगा 3 तेल की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है.
शारीरिक व्यायाम से भी ब्लड सुगर लेवल को कम किया जा सकता है.
ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सिस्टम के मुताबिक़, लोगों को एक हफ़्ते में लगभग ढाई घंटे एरोबिक्स एक्सरसाइज़ करनी चाहिए जिसमें तेज गति से टहलना और सीढ़ियां चढ़ना शामिल है.
अगर आपके शरीर का वज़न नियंत्रण में है तो आप ब्लड शुगर लेवल को आसानी से कम कर सकते हैं.
वहीं, अगर आप वज़न गिराना चाहते हैं तो एक हफ़्ते में 0.5 किलोग्राम से 1 किलोग्राम के बीच गिराएं.
इसके साथ ही ये भी ज़रूरी है कि सिगरेट न पिएं और दिल की बीमारी से बचने के लिए कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच कराते रहें.
अगर आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल की अधिकता है तो इससे आपके खून की नसों को नुकसान पहुंच सकता है.
अगर आपके शरीर में खून सही ढंग से प्रवाहित नहीं होगा तो ये शरीर के उन हिस्सों में नहीं पहुंचेगा जहां इसकी ज़रूरत है.
ऐसे में खून की नसों को नुकसान हो सकता है और आपको दर्द की अनुभूति होना बंद हो सकती है.
इसके साथ ही आंखों की रोशनी कम होने के साथ-साथ पैरों में इन्फेक्शन हो सकता है.
साल 2016 में, लगभग 16 लाख लोगों की मौत डायबिटीज़ की वजह से हुई थी.
इसके साथ ही इंसुलिन के प्रयोग से इसे टाइप 2 डायबिटीज़ में बदलने से रोका जा सकता है.
कुछ लोग प्री-डायबिटीज़ से भी पीड़ित हो सकते हैं, खून में ग्लूकोज़ की अधिक मात्रा आगे चलकर डायबिटीज़ में बदल सकती है.
- प्यास ज़्यादा लगना
- सामान्य से ज़्यादा पेशाब होना, विशेषकर रात में
- थकान महसूस होना
- बिना प्रयास किए वज़न गिरना
- मुंह में अक्सर छाले होना
- आंखों की रोशनी कम होना
- घाव भरने में समय लगना
वहीं, टाइप 2 डायबिटीज़ अधेड़ उम्र के लोगों (दक्षिण एशियाई लोगों के लिए 25 वर्ष की आयु) परिवार के किसी सदस्य के डायबिटीज़ से पीड़ित होने पर और दक्षिण एशियाई देशों, चीन, एफ्रो-कैरिबियन, अफ्रीका से आने वाले अश्वेतों को ये बीमारी होने का ख़तरा ज़्यादा होता है.
डायबिटीज़ आनुवांशिक और पर्यावरणीय कारकों पर आधारित होती है.
लेकिन आप अपने खून में ग्लूकोज़ की मात्रा को नियंत्रित करके खुद को डायबिटीज़ से बचा सकते हैं.
और संतुलित डाइट और व्यायाम करने से ऐसा किया जा सकता है. हीं, इसकी जगह आप अपनी रोजाना की डाइट में सब्जियां, फल, फलियां, और साबुत अनाज शामिल कर सकते हैं.
इसके साथ-साथ सेहतमंद तेल, बादाम के साथ-साथ सार्डाइंस, सालमन और मेकेरल जैसी मछलियों को भी अपने आहार में शामिल कर सकते हैं क्योंकि इनमें ओमेगा 3 तेल की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है.
शारीरिक व्यायाम से भी ब्लड सुगर लेवल को कम किया जा सकता है.
ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सिस्टम के मुताबिक़, लोगों को एक हफ़्ते में लगभग ढाई घंटे एरोबिक्स एक्सरसाइज़ करनी चाहिए जिसमें तेज गति से टहलना और सीढ़ियां चढ़ना शामिल है.
अगर आपके शरीर का वज़न नियंत्रण में है तो आप ब्लड शुगर लेवल को आसानी से कम कर सकते हैं.
वहीं, अगर आप वज़न गिराना चाहते हैं तो एक हफ़्ते में 0.5 किलोग्राम से 1 किलोग्राम के बीच गिराएं.
इसके साथ ही ये भी ज़रूरी है कि सिगरेट न पिएं और दिल की बीमारी से बचने के लिए कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच कराते रहें.
अगर आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल की अधिकता है तो इससे आपके खून की नसों को नुकसान पहुंच सकता है.
अगर आपके शरीर में खून सही ढंग से प्रवाहित नहीं होगा तो ये शरीर के उन हिस्सों में नहीं पहुंचेगा जहां इसकी ज़रूरत है.
ऐसे में खून की नसों को नुकसान हो सकता है और आपको दर्द की अनुभूति होना बंद हो सकती है.
इसके साथ ही आंखों की रोशनी कम होने के साथ-साथ पैरों में इन्फेक्शन हो सकता है.
साल 2016 में, लगभग 16 लाख लोगों की मौत डायबिटीज़ की वजह से हुई थी.
Comments
Post a Comment