सरकार की
तरफ से पेश हुए सीनियर कानूनी अधिकारी तुषार मेहता ने कोर्ट से बताया कि
म्यांमार सरकार ने इस बात को माना है कि वे उनके नागरिक हैं और उनको पहचान
के लिए सार्टिफिकेट दिए हैं ताकि उनकी वापसी हो सके।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस के कौल तथा न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने यह आदेश दिया। गौरतलब है कि न्यायालय में बुधवार को एक याचिका दाखिल कर केंद्र को असम के सिलचर में हिरासत केंद्र में बंद सात रोहिंग्याओं को म्यामां भेजने से रोकने का अनुरोध किया गया था। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा था कि रोहिंग्या प्रवासियों को गुरुवार को मणिपुर में मोरे सीमा चौकी पर म्यामां अधिकारियों को सौंपा जाएगा।
सात रोहिंग्याओं के प्रस्तावित निर्वासन को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने के अनुरोध वाली यह अंतरिम याचिका पहले से ही लंबित जनहित याचिका में दाखिल की गई।
दो रोहिंग्या प्रवासी मोहम्मद सलीमुल्लाह और मोहम्मद शाकिर ने पहले जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने रोहिंग्या समुदाय के खिलाफ बड़े पैमाने पर भेदभाव और हिंसा के कारण म्यामां से भागकर भारत आने वाले 40,000 शरणार्थियों को उनके देश भेजने के केंद्र के फैसले को चुनौती दी थी।
असम के
हिरासत शिविर में करीब 32 रोहिंग्या शरणार्थी है। इनमें से नाबालिग समेत
करीब 15 रोंहिग्या शरणार्थी तेजपुर में हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इनमें
से ज्यादातर म्यांमार के रखाइन राज्य के हैं जिन्हें साल 2014 में रेलवे
पुलिस ने पकड़ा था।
भारत में करीब 40 हजार रोहिंग्या
पिछले कई
वर्षों से हजारों की संख्या में म्यांमार के पश्चिमी तटवर्ती इलाके रखाइन
में रहनेवाले रोहिंग्या मुसलमान पुलिस और कट्टरपंथी रोहिंग्या के बीच छिड़ी
खूनी लड़ाई के चलते वहां से भागने के मजबूर हुए। ज्यादातर ये रोहिंग्या
शरणार्थी बांग्लादेश गए लेकिन उनमें कुछ सीमा पार कर भारत आ गए। भारतीय
सुरक्षा प्रतिष्ठान ऐसा मानते हैं कि भारत में ऐसे शरणार्थियों की संख्या करीब 40 हजार है।
दिल्ली के
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित उनके आवास के नजदीक निगम
सफाईकर्मियों ने प्रदर्शन किया। पिछले करीब 23 दिनों से हड़ताल पर गए
पूर्व दिल्ली निगम के इन सफाईकर्मियों की मांग है कि सरकार उनके अस्थाई काम
को नियमित करे।
इसके साथ ही, इन सफाईकर्मियों की मांग है कि जो उनके बकाया वेतन हैं उनकी सरकार जल्द
से जल्द भुगतान करे। पूर्व दिल्ली नगर निगम सफाईकर्मी पिछले 12 सितंबर से
हड़ताल पर हैं
इससे पहले,
इन सफाईर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर कश्मीरी गेट के बाद भी प्रदर्शन
किया। दिल्ली सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह अगले दो
दिन में स्थानीय निकायों को 500 करोड़ रुपये की राशि जारी करेगी इससे
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण उपजे संकट
से निपटने में मदद मिलेगी।
कूड़ा न
उठने की वजह से पूर्वी दिल्ली के ज़्यादातर इलाक़ों में कूड़े का अंबार लग गया
है। लोग परेशान हैं लेकिन उनकी परेशानी हल करने वाला भी कोई नहीं है. कई
इलाकों में नालियां जाम हो गई हैं। परेशान लोग अब कूड़ा जलाने लगे हैं।
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